महिला शरीर के अहम अंगों में गर्भाश्य भी शामिल है लेकिन आज के अनहैल्दी लाइफस्टाइल का असर महिला के गर्भाश्य पर भी पड़ रहा है। छोटी उम्र में ही रसौलिया यानि बच्चेदानी में गांठें बन रही हैं। जिसे फायब्रॉइड्स कहते हैं और आम भाषा में बच्चेदानी में गांठें। ये गांठें पीरियड्स से लेकर प्रैग्नेंसी तक में परेशानी पैदा कर सकती हैं और अगर रसौलियों का आकार और गंभीरता बढ़ जाए तो ये कैंसर का रूप भी ले लेती है। ये गांठें 25 से 40 साल की उम्र में ज्यादा बनती हैं लेकिन बिगड़े लाइफस्टाइल के चलते यह समस्या टीनएज लड़कियों को भी हो रही है।
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